शुक्रवार

समर्पण

रूपकँवर नाम पितृ-मातृ-कुल प्रकाशनार्थ,
         पर्मोत्तम लाडखानी वंश में जन्म लिया।
बालाग्राम जोधपुर में परिणीता बनी,
           पति के वियोग से हुआ देहाभास-शून्य हिया।।
वर्ष तियांलिस निरन्न-जल जीवित रही,
              उदाहरण अनुत्तम विश्व-समक्ष दे दिया।
वीरता-चरित्र-मर्यादा पालन करे नारियाँ.
                बाला-सती-पाद पद्मो में इसी हेतु अर्पित किया।।......Next




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